शहर के बीचो-बीच टुसू का महिमा जागरण आवश्यक: देवेंद्र नाथ महतो

रांची// झारखंड पहाड़ पर्वत नदी झरना प्रकृति के गोद में है। यहां के लोगों प्रकृति पूजक है। राज्य में सबसे लंबे समयावधि तक मनाए जाने वाले टुसू पर्व है। यह पाव राज्य विभिन्न क्षेत्रों में मनाया जा रहा है। इसी सिलसिले में आज राजधानी रांची शहर के बीचो-बीच टुसू महोत्सव भव्य तरीके से मनाया गया। मेन रोड अल्बर्ट एक्का चौक में अपने पुरखेनी रीति-रिवाज से देवेंद्र नाथ महतो ने श्यामा प्रसाद विश्वविद्यालय,रांची विश्वविद्यालय और रांची विमेंस कॉलेज के छात्रा एवं शिक्षिका के साथ डीनीयानी टुसू मनी का स्थापना किया गया।

पारम्परिक लाल पाईर के साड़ी और धोती आदि वेशभूषा लोग खुब थिरके। शहर में लंबे समय तक जाम की स्थिति बनी रही। सड़क में आवाजाही लोग भी रुक कर टुसू संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रमों और छौह नाच का लुप्त उठाने लगे।
राज्य के कई प्रसिद्ध क्षेत्रीय कलाकार जैसे बब्बन देहाती, श्याम बडाइक, सावित्री कर्मकार, मजबूल खान, इगनेश आदि ने कला एवं संगीत प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से राज्यसभा पूर्व सांसद महुआ मांझी, तरुण महतो, विजय सिंह, अयूब अली, फुलेसर बैठा, बेरोजगार पवनेश्वर, दमयंती मुंडा,बेबी महतो,रूपा महतो, रूपेश विराट, अर्जुन रजवार, सूरज नारायण महतो, राजू चैड़ी आदि हजारों लोग जूटे।


टुसू स्थापना- पुरर्खैनी रीति रिवाज नैगाचारी कुंवारी कन्या माता बहनों ने गुड्डी,अरवा चावल,साल पत्ता का दोना, सिंदूर, काजल, गोबर, सरवा, दिया, दूब घास, गुलांची फूल गेंदा फूल, जोबा फुल आदि सामग्रियों के साथ डीनीयानी टुसूमनी का सेवन (आराधना) किया गया। तत्पश्चात पारंपरिक गीत के साथ सामूहिक रूप से स्थापना किया गया।
राजधानी टुसू महोत्सव के आयोजक श्री देवेंद्र नाथ महतो ने मीडिया से वार्ता में बताया कि राज्य की इस टुसू पर्व के महिमा जागरण के लिए राजधानी रांची शहर की बीचो-बीच पूर्व वर्ष से ही 11 जनवरी को मनाया जा रहा है। हम अपने क्षेत्रीय रीति रिवाज भाषा सभ्यता और संस्कृति के लिए इसे और भी बृहद रूप से मनाने का काम करेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि स्थापित डीनी मनी को मकर संक्रांति की तिथि में संपूर्ण लोकाचारी से नदी में प्रवाहित कर दिया जाएगा।

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