रांची // पवित्रम सेवा परिवार के तत्वाधान में आयोजित 6 दिवसीय पूर्ण आवासीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का समापन धनबाद में हुआ। पवित्रम सेवा परिवार के प्रांतीय प्रवक्ता संजय सर्राफ ने बताया कि झारखंड में पहली बार आयोजित प्राकृतिक चिकित्सा उपचार शिविर का शुभारंभ 7 जनवरी को हुआ था। इस शिविर में देश के विभिन्न स्थानों से कई प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञों तथा चिकित्सकों की टीम ने 60 महिलाओं एवं पुरुषों का उपचार किया। शिविर का मुख्य मार्गदर्शन पुण्य तीर्थ आंवल खेड़ा,मथुरा गायत्री परिवार के देख- रेख मे हुआ। इस 6 दिवसीय आवासीय उपचार शिविर का उद्देश्य आहार, जीवन शैली को ठीक करते हुए प्राकृतिक चिकित्सा शैलियों के माध्यम से शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ करना तथा प्राकृतिक आहार एवं उपचार के माध्यम से सभी साध्य एवं असाध्य रोगों का उपचार किया गया।
शिविर में प्रतिदिन निःशुल्क ओपीडी की भी व्यवस्था
शिविर में प्रतिदिन निःशुल्क ओपीडी की भी व्यवस्था की थी। तथा लोगों को प्रतिदिन निःशुल्क बीपी, शुगर, तथा अन्य जांच की गई। शिविर के प्रेरणा के मुख्य स्रोत संस्था के संयोजक अजय भरतिया थे। शिविर में धनबाद, बोकारो, रांची, जमशेदपुर, झारखंड के अन्य जिलों के अलावे कोलकाता, आसनसोल दुर्गापुर, चंडीगढ़ से उपचार के लिए आये लोगों ने 6 दिनों तक प्राकृतिक उपचार होने के बाद लोग बहुत संतुष्ट हुए तथा इस उपचार को बेहद लाभदायक बताया। सभी को घरों में निरंतर अपने से उपचार करने हेतु उपकरणों का एक किट का सेट दिया गया। संजय सर्राफ ने बताया कि इस तरह के शिविर से लोगों मे आरोग्य के प्रति जागरूकता पैदा करेगा, पवित्रम सेवा परिवार पिछले कई महीनो से अपने आरोग्य अभियान के माध्यम से स्कूलों व कालेजों मे भी बच्चों को खान- पान एवं दिनचर्या को ठीक करते आरोग्य के प्रति जागरूक कर रहा है।
शिविर झारखंड के अन्य शहरों में भी कराने की योजना
आने वाले दिनों इस तरह की शिविर झारखंड के अन्य शहरों में भी कराने की योजना है।
शिविर का उद्घाटन सांसद ढुल्लू महतो ने किया था तथा समापन के मुख्य अतिथि विधायक राज सिन्हा थे। शिविर में कई विशिष्ट लोग बीसीसीएल के डायरेक्टर संजय सिंह, डॉ.ओम प्रकाश अग्रवाल, अजय भरतिया, मुरली पोद्दार, हरिराम गुप्ता, सीएमए संजय भरतिया, किशन वीरू संघवी, प्रो उपेंद्रनाथ सिंह, राजेश सिंह, संजय सिंघल, राकेश खंडेलवाल, अशोक दुबे, किरण सिन्हा, सीमा मित्तल, आलोक डोकानियां, बिंदेश्वरी प्रसाद, पवित्रम मातृशक्ति की बहनों के अलावा कई सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।