2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी पर समाप्त होंगे
रिपोर्टर – परमानंद कुमार गुप्ता
2025 में शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होंगे, जो 22 सितंबर 2025, सोमवार को है, और 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी पर समाप्त होंगे। इस दौरान ग्रहों की स्थिति में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे, जैसे कि गुरु का पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश 19 सितंबर को होगा, जबकि शुक्र 15 सितंबर को सिंह राशि में गोचर करेंगे। नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को होने के कारण माता का आगमन हाथी पर होगा, जो शुभ और समृद्धि का प्रतीक है।
ग्रहों की स्थिति और नक्षत्र परिवर्तन
गुरु (बृहस्पति) का नक्षत्र परिवर्तन: 19 सितंबर को देवगुरु बृहस्पति पुनर्वसु नक्षत्र के तृतीय पद में प्रवेश करेंगे, जो नवरात्रि से दो दिन पहले हो रहा है।
शुक्र (शुक्र) का गोचर: 15 सितंबर को शुक्र कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे।
अन्य ग्रहों की स्थिति: मंगल तुला राशि में, सूर्य कन्या राशि में, केतु सिंह राशि में, शनि मीन राशि में और राहु कुंभ राशि में होंगे।
नवरात्रि की शुरुआत और वाहन
शुरुआत: शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर 2025 को आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हो रही है।
माता का आगमन: चूंकि नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को हो रही है, माता का आगमन हाथी पर होगा, जो अति शुभ और समृद्धिदायक माना जाता है।
नवरात्रि की मुख्य तिथियाँ
शारदीय नवरात्र की शुरुआत: 22 सितंबर 2025, सोमवार को।
विजयादशमी (दशहरा): 2 अक्टूबर 2025 को।
यह जानकारी आपको 2025 के शारदीय नवरात्र के दौरान ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों के प्रभाव को समझने में मदद करेगी।