रांची. झारखंड में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है. सोमवार को ईडी की टीम ने झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के करीबियों के ठिकाने पर छापेमारी की. जानकारी के अनुसार ईडी की टीम ने करीब लोकेशन पर छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण कागजात और जानकारी जुटाई है. वहीं मंत्री मिथिलेश ठाकुर के कारीबियों के घर ईडी की इस रेड के साथ झारखंड के और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के नाम की चर्चा तेज हो गयी. दरअसल भ्रष्टाचार के मामले में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम फिलहाल जेल में बंद हैं. उनके ऊपर झारखंड कैश स्कैंडल के गंभीर आरोप लगे थे.
झारखंड की राजधानी रांची, चाईबासा और जमशेदपुर जिले में एक साथ करीब 20 जगहों पर ईडी के अधिकारियों ने एक साथ दबिश दी. इन जगहों पर शुरू हुई छापेमारी में कई अहम दस्तावेज बरामद हुए जिसकी पड़ताल ईडी के अधिकारी कर रहे हैं. वहीं इस कार्रवाई का दायरा बढ़ने की प्रबल उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि इस जांच की आंच मंत्री मिथिलेश ठाकुर के करीबियों और परिजनों तक पहुंच चुकी है. मंत्री के भाई विनय ठाकुर और मंत्री पीएस हरेंद्र सिंह के घर पर भी पहुंच चुकी है. हालांकि इस छापेमारी में क्या कुछ तथ्य सामने आए हैं. इसकी जानकारी फिलहाल साझा नहीं की गई है. लेकिन, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी को कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले है जिसकी जांच ईडी के अधिकारी कर रहे हैं.
इसी साल गिरफ्तार हुए थे आलमगीर आलम
बता दें, ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर कमीशन की जांच भी विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के घर से शुरू हुई थी, जिसके बाद मंत्री के पीएस संजीव और उनके करीबियों के ठिकानों तक पहुंची थी. वहीं इसके बाद इसी साल पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई थी. मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ ईडी को कई साक्ष्य मिले थे. ईडी ने टेंडर के कमीशन के तौर पर मंत्री को मोटी रकम मिलने की बातों का जिक्र भी अपने चार्जशीट में किया था.
जानें क्या है पेयजल विभाग का घोटाला?
वहीं इसी तरह की जांच की शुरुआत पेयजल विभाग में भी हो चुकी है. ईडी ने वरीय आईएएस अधिकारी मनीष रंजन और उनके करीबियों के साथ-साथ मंत्री मिथिलेश ठाकुर के करीबियों के ठिकानों पर रेड मारी है. ईडी के अधिकारियों ने एक साथ झारखंड के 20 ठिकानों पर दबिश दी है. पूरा मामला जल जीवन मिशन से संबंधित है, जिसे लेकर एक रांची के सदर थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज किया गया था. बता दें, यह पूरा मामला 23 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा है. इस मामले में एक आरोपी संतोष रंजन की भी गिरफ्तारी भी हुई थी. वह कैशियर के पद पर अनुबंध कर्मी के तौर पर कार्यरत था. वही इस मामले को लेकर ईडी ने पूर्व दिनो में ईसीआईआर दर्ज की गई थी. अब इस मामले की जांच को लेकर ईडी के अधिकारियों ने जांच तेज कर दी है.
इन लोकेशन पर हुई ईडी की रेड
हरेंद्र कुमार 56 सेट,डोरंडा क्वार्टर नंबर 118/ 24
विनय कुमार ठाकुर, मंत्री के भाई, अमला टोला, एक्सिस बैंक के पास, चाईबासा
आईएएस अधिकारी मनीष रंजन जवाहर नगर कांके और उनकी बहन के आवास हरिहर सिंह रोड स्थित शिवेशवरी एनक्लेव ब्लॉक बी
निरंजन कुमार ,क्षेत्रीय मुख्य अभियंता, बंसल प्लाजा, फ्लैट नंबर ई 420, ओल्ड हजारीबाग रोड और रातू रोड स्थित सरकारी आवास
प्रभात कुमार सिंह, मुख्य अभियंता, सीडीओ, हरमू हाउसिंग कॉलोनी, सहजानंद चौक के पास
चंद्रशेखर ,कार्यपालक अभियंता, चंद्रकला अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 301, विकास नगर रोड नंबर 2 हेसाग
राधेश्याम रवि,कार्यपालक अभियंता,सुंडील, कमड़े,रातू
रघुनंदन प्रसाद शर्मा एल,पूर्व मुख्य अभियंता,विजया गार्डन, बारीडीह कॉलोनी, जमशेदपुर
विजय अग्रवाल,इंद्रपुरी, रातू रोड, रांची
संतोष कुमार, निलंबित रोकड़ पाल, जग्गी कंपाउंड, गोसाई टैंक रोड, अपर चुटिया
मनोज कुमार, ग्रीन व्यू हाइट्स डी 1002, लालू खटाल रोड, बारियातू
संजय कुमार सिंह, बोधराज एनक्लेव,फ्लैट नंबर ई 1 ,अनंतपुर, डोरंडा, रांची
सुनील कुमार सिन्हा, सार्थक रीजेंसी, फ्लैट नंबर एचडी 308, पीस रोड,बीआईटी एक्सटेंशन के पीछे मानस कुमार, खेमका रीजेंसी,फ्लैट नंबर 4 बी, ब्लॉक ए, कांके रोड, रांची
विभोर सिंघानिया, कंचन विला अपार्टमेंट, फ्लैट नंबर 4a, कांके रोड
लेक एवेन्यू रिलायंस मार्ट के पास
वेदांत खिरवार, सदर बाजार, चाईबासा