जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में पाॅक्सो अधिनियम के तहत बच्चों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य बच्चों को यौन शोषण, उत्पीड़न और बाल अपराधों से सुरक्षित रखने के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए इस विशेष कानून के बारे में जागरूक करना था।
‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ क्या होते हैं
विद्यालय के दयानंद प्रेक्षागृह में पूर्व प्राथमिक विभाग की शिक्षिकाओं ने एक लघु नाटिका प्रस्तुत की। इस नाटिका के जरिए बच्चों को यह सिखाया गया कि ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ क्या होते हैं, और अगर उनके साथ कोई गलत व्यवहार होता है, तो उन्हें उसकी जानकारी अपने माता-पिता या शिक्षकों को कैसे देनी चाहिए।

पोक्सो अधिनियम एक महत्वपूर्ण कानून
प्राचार्य समरजीत जाना ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा, “आज के समय में बच्चों को यौन शोषण के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। अधिकतर छोटे बच्चे ही इसका शिकार होते हैं। पोक्सो अधिनियम एक महत्वपूर्ण कानून है जो बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
बच्चों में भी नाटिका मंचन के दौरान भावनात्मक जुड़ाव देखा गया.
मौके पर मौजूद
इस कार्यक्रम में विद्यालय के उप-प्राचार्य बी.एन. झा, संजय कुमार, अनुपमा श्रीवास्तव, प्रभाग प्रभारी दीपक सिन्हा, ममता दास, विद्यालय समन्वयक सुष्मिता मिश्रा, विद्यालय पाॅक्सो समन्वयक मीठू ब्रह्मा और निवारण समिति के सदस्यगण भी उपस्थित थे।