Spicejet: फाइनेंशियल चुनौतियां एयरक्राफ्ट मैंटेनेंस से संबंधित एयरलाइन के जरूरी दायित्वों को प्रभावित कर सकती थीं। रेगुलेटर ने एक बयान में कहा कि बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था के तहत डीजीसीए ने अलग-अलग स्थानों पर कुल 266 ‘स्पॉट’ जांच की।
Spicejet: विमानन नियामक DGCA ने मंगलवार को कहा कि इसने स्पाइसजेट को एडिशनल मॉनिटरिंग सिस्टम (एएमएस) से बाहर कर दिया है। एयरलाइन की तरफ से कमियों को दूर करने के लिए किए गए उपायों और दायित्वों को पूरा करने के लिए फंड जुटाये जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 13 सितंबर को फाइनेंशियल चुनौतियों को देखते हुए एयरलाइन को एएमएस के तहत रख दिया था।
क्यों लिया गया फैसला
फाइनेंशियल चुनौतियां एयरक्राफ्ट मैंटेनेंस से संबंधित एयरलाइन के जरूरी दायित्वों को प्रभावित कर सकती थीं। रेगुलेटर ने एक बयान में कहा कि बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था के तहत डीजीसीए ने अलग-अलग स्थानों पर कुल 266 ‘स्पॉट’ जांच की।
डीजीसीए के अनुसार, यह सुनिश्चित किया गया है कि जांच के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के लिए एयरलाइन उपयुक्त कदम उठाए। नियामक ने कहा, “कमियों को दूर करने के लिए उठाये गये कदमों और कंपनी में अतिरिक्त राशि जुटाने के मद्देनजर, स्पाइसजेट को बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था से हटा दिया गया है।”
3,000 करोड़ रुपये जुटाए
फाइनेंशियल चुनौतियों में फंसी स्पाइसजेट ने पिछले महीने इंस्टीट्यूशनल निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। उसके बाद से कंपनी ने अलग-अलग बकाया देनदारियों को चुकाया है कर्मचारियों को बकाया वेतन का भुगतान किया है और विमान पट्टे पर देने वाली कुछ कंपनियों के साथ भी समझौता किया है।